Facts About सत्संग भजन लिरिक्स इन मारवाड़ी Revealed
Facts About सत्संग भजन लिरिक्स इन मारवाड़ी Revealed
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छलिया से दिल क्यों लगाया है ये मैं जानू या वो जाने
तुम्हें छोड़कर अब किस से कहुँगा।। जहाँ ले...
श्री राधे श्याम राधे आजा-आजा कृष्ण मुरारी।
है महिमा व्रज की भारी बसे यहाँ बाँकेबिहारी
सत्संग अमर झड़ी रे, जो कोई आवे संत री संगत में
एक बूद जो मिल जाये दिल की कली खिल जाये।।
सत्संग अमर झड़ी रे, जो कोई आवे संत री संगत में
ओ पालनहारे निर्गुण और न्यारे हिंदी भजन लिरिक्स
तेरा नाम मुझको है प्राणों से प्यारा ।।
दीवाने बन गये तेरे तो फिर दुनिया से क्या मतलब
तुम्हें मैं भूलना चाहूँ मगर भूला नहीं जाता।।
मेरे दिल की तू दुनिया, मुरलिया वाले रे, मेरा दिल...
ब्रज गोपिन के प्राण पियारे। मन मोहन नन्दलाल, सत्संग भजन लिरिक्स इन मारवाड़ी भज मन श्री राधे ।।४।।
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